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रावपवन सिंह कौरव अध्यक्ष अखिल भारतीय कौरव महासभा एवं श्री एम.एस. पटेल सेवानिवृत्त अपर कलेक्टर कौरव महासभा नरसिंहपुर तथा श्री सतीश कौरव एवं श्री दिनेश कौरव के आमंत्रण पर दिनांक 03.05.2022 को अखिल भारतीय कौरव महासभा के वार्षिक विवाह सम्मेलन कार्यक्रम में छ.ग. प्रदेश कंवर समाज के अध्यक्ष श्री हरवंश सिंह मिरी, उपाध्यक्ष थानसिंग दीवान, कार्यकारिणी सदस्य श्री टीकाराम कंवर एवं लवनराज के सचिव श्री शिवकुमार कंवर, धमतरी राज के सचिव श्री ओमप्रकाश कंवर के साथ-साथ छ.ग. कंवर समाज के सम्मानीय सदस्य एवं रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्रीमती गोमती साय, अखिल भारतीय कंवर समाज पमशाला के महिला प्रभार के अध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या विष्णुदेव साय शामिल हुए एवं सभा को अध्यक्ष हरवंश मिरी द्वारा सम्बोधित कर, कहा कि कंवर समाज छ.ग. राज्य में ही निवासरत् नहीं है, बल्कि कंवर समाज के लोग महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, झारखण्ड एवं आसाम में निवासरत् है। इसके अतिरिक्त भी अन्य राज्यों में निवास करते होंगे, जिनके नामों में थोड़ी बहुत अंतर की स्थिति हो सकती है, किसी अन्य राज्य में अनुसूचित जनजाति वर्ग में न शामिल होकर सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग में या अन्य वर्ग के अंतर्गत शामिल हो सकते है, जिन्हें जानने एवं खोजने की आवश्यकता है, जिससे कंवर समाज एकजुट हो सके। अध्यक्ष ने कहा कि छ.ग. राज्य में जब कभी भी वार्षिक अधिवेशन होता है उसमें मध्यप्रदेश से कौरव समाज के लोग निरंतर उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं, जिसके कारण इस सम्मेलन में छ.ग. के कंवर समाज के प्रतिनिधियों को भी उपस्थिति दर्ज कराना भी जरूरी था एवं छ.ग. की विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित हो रही सामाजिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षिक गतिविधियों की जानकारी देते हुए, समाजिक समरूपता पर बल देते हुए, 29 नवदम्पत्तियों को गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने पर सुखी एवं दाम्पत्तय जीवन की बधाईं एवं शुभकामनायें दी गई।
कार्यक्रम को समाज की सदस्या एवं रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती गोमती साय, अखिल भारतीय कंवर समाज, पमशाला के महिला प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या विष्णुदेव साय एवं छ.ग. प्रदेश कंवर समाज के उपाध्यक्ष तथा खल्लारीराज कंवर समाज के अध्यक्ष श्री थानसिंग दीवान ने अपने-अपने उद्बोधन में सर्वप्रथम कार्यक्रम के आयोजन और कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए मध्यप्रदेश के कौरव समाज को बधाईं देते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया और सभी ने कहा कि भारत के कोने-कोने में निवास करने वाले कंवर लोगों को एकमंच पर आने की जरूरत है, ताकि देश में निवासरत् कंवर समाजों में एकता स्थापित किया जा सके। और धीरे-धीरे समाजिक एवं वैवाहिक रिश्ते भी स्थापित हो, जिससे आपसी सम्बंध और मजबूत हो, इसके अलावा लिंगानुपात अनुसार महिला एवं पुरूष में जो कमी-बेसी होती है, उसकी भरपाई हो सके।
‘‘जय छत्तीसगढ़ - जय कंवर समाज’’